Monday, July 1, 2019

rejection motivation

आपने कभी सोचा है मिस्टर अमिताभ बच्चन, शाहरुख़ खान, जैक मा, अब्राहम लिंकन, स्टीव जॉब्स, थॉमस एडिसन, राइट ब्रदर्स
इन सबमे एक खाश बात वो ये की इन सबने और इनके जैसे अनेक लोगो ने लाइफ में ना जाने कितने धक्के कितने रिजेक्शन पाए है, या शायद जितने भी कामयाब लोग है उनके अंदर कही न कही रिजेक्शन है चाहे वो फॅमिली का हो दोस्तों का हो समाज का हो  लाइफ पार्टनर का हो , 80 प्रतिशत से ज्यादा लोग जो भी कामयाब हुए है कही न कही रिजेक्शन पाया है उन लोगो ने और उस रिजेक्शन को उन लोगो ने बदले की भावना में बदल लिया और उसका इस्तेमाल खुद की ग्रोथ या मै यह काम कर सकता हू की भावना में बदल कर उस एनर्जी का इस्तेमाल मोटिवेशन के रूप में किया और बिना थके निरंतर करते रहे |  किसी के द्वारा ये कहना की तुम ये काम कर सकते हो और किसी के द्वारा ये कहना की तुम ये काम नहीं कर सकते हो दोनों ही बाते मोटिवेशन की तरफ इशारा करती है लेकिन तुम यह काम नहीं कर सकते किसी को ऐसा कहने से वो इंसान उस भावना को बदले की भावना में बदलकर जल्द से जल्द आपसे बदला लेने की इच्छा में उस काम को करना शुरू कर देता है और यही उसके बिना रुके निरंतर उसको अपने काम  आगे बढ़ाय रखती है क्युकी दिमाग अच्छी चीज़ो के बजाय नेगेटिव चीज़ो पे जल्दी जयादा जल्दी आकर्षित होता है , जिस तरह प्यार में धोका खाये लोग बदला लेने की भावना में खुद को भी बर्बाद कर लेना चाहते है पर अपना बदला किसी भी कीमत पर लेना चाहते है, क्युकी बदले की भावना बहुत ज्यादा शक्तिशाली होती है , और बदले की भावना में इंसान कुछ भी कर गुरजरने को तैयार होता है , बदले की भावना अगर खुद की ग्रोथ में लगाईं जाए और सामने वाले से बदला भी ले लिया जाए वो सबसे अच्छा तरीका होता है बदला लेने का, रिजेक्शन की भावना से खुद को गिरा देना ठीक नहीं होता है, क्युकी ऊपर वाला सबसे मुश्किल काम सबसे अहम् इंसान को ही देता है अगर आप भी रिजेक्शन की भावना में कुछ कर गुज़ारना चाहते है तो उसको जूनून की आग बनाए और बदला लीजिये सामने वाले से लेकिन खुद को उससे ऊपर ले जाकर इतना ऊपर की उसको अपने किये पे शर्म आये, अपने दिमाग को अपने खिलाफ नहीं अपने समर्थन में इस्तेमाल कीजिये क्युकी इंसान का सबसे बड़ा दुसमन उसका दिमाग और सबसे बड़ा दोस्त भी उसका दिमाग है,

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